एआई, मीडिया और सूचना साक्षरता आधारित चर्चा में साउथ एशियन सार्क देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे अमन

भुपेन्द्र सिंह कुशवाहा
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बड़ौत/बागपत।

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाओं और इसके दुष्प्रभावों पर युवाओं के दृष्टिकोण को जानने के उद्देश्य से यूनेस्को द्वारा 29 से 31 मई तक एमआईएल यूथ डिबेट सीरीज का आयोजन किया जा रहा है जिसके लिए जिले के ट्यौढी गांव निवासी युवा सामाजिक कार्यकर्ता अमन कुमार को आमंत्रित किया गया है। यूथ डिबेट में शामिल होकर अमन, जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार रखते हुए इसके रचनात्मक फायदों के साथ साथ इसके संभावित दुष्प्रभावों पर अपने विचार साझा करेंगे। वर्तमान में अमन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से समाज कार्य की पढ़ाई कर रहे है और यूनेस्को ग्लोबल यूथ कम्युनिटी के सदस्य है।

Aman Kumar
यूनेस्को एमआईएल यूथ डिबेट सीरीज हेतु अमन का चयन

अंतरराष्ट्रीय महत्व की यह वाद-विवाद श्रृंखला, यूनेस्को की पहल थिंक क्रिटिकली, क्लिक वाइजली पीयर-एजुकेशन का हिस्सा है। मीडिया और सूचना साक्षरता वाद-विवाद श्रृंखला के इस तीसरे संस्करण का उद्देश्य युवाओं को अपनी राय व्यक्त करने और जनरेटिव AI के लिए मीडिया और सूचना साक्षरता प्रतिक्रियाओं के बारे में चर्चा में योगदान देने के लिए एक मंच प्रदान करना है। यूनेस्को को 200 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए जिसमें चयनित आठ युवाओं के पैनल में भारत से अमन कुमार शामिल होकर साउथ एशिया के सार्क देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे।


युवा सामाजिक कार्यकर्ता अमन कुमार ने बताया कि सूचना युग में तकनीकी के बढ़ते प्रयोग को नजरंदाज नहीं किया जा सकता लेकिन तकनीकी का विवेकपूर्ण उपयोग बेहद जरूरी है। यूनेस्को द्वारा ग्लोबल मीडिया इंफॉर्मेशन लिटरेसी वीक आधारित परिचर्चा के रूप में एमआईएल यूथ डिबेट सीरीज का आयोजन किया जा रहा है जिसमें युवाओं की चर्चा से सामने आए सुझावों को ग्लोबल एमआईएल यूथ हैकाथॉन में साझा किया जाएगा। वहीं यूनेस्को एमआईएल यूथ डिबेट सीरीज के प्रतिभागी युवा के रूप में अमन कुमार, डिजिटल स्पेस में मीडिया और सूचना साक्षरता की अवश्यकता संबंधित अनुबंध पर भी हस्ताक्षर करेंगे।

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