बाप नंबरी , बेटा 10 नंबरी मुलायम अखिलेश पर क्यों ऐसा कहने लगे :ओपी राजभर
Photo Credit -ABP News |
नई दिल्ली :- अभी हाल ही पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर का बयान काफी सुर्खियो में है । आपको बताते चलें कि सुभासपा नेता व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर आगामी विधानसभा में योगी सरकार को टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है। लेकिन हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने मुलायम सिंह यादव को नंबरी और अखिलेश यादव को दस नंबरी कह दिया है।
आपको बताते चलें की एबीपी न्यूज़ चैनल पर आयोजित कार्यक्रम में पत्रकार ने सुभासपा नेता व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर से सवाल पूछा था कि आपके मौजूदा गठबंधन के सहयोगी अखिलेश यादव के पिता जी एवं पूर्व मुख्यमंत्री रेप जैसे संगीन आरोप पर बयान दिया था क्या वही आपको याद है। पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने मुलायम सिंह यादव के बयान को दोहराया और कहा कि इस बयान का समर्थन कदापि नहीं करता।
इसके बाद पत्रकार ने ओम प्रकाश से पूछा आप उस गठबंधन के सबसे बड़े हीरो है । इस पर ओमप्रकाश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सपा वह सपा नही रही । अखिलेश यादव के नेतृत्व यह नई सपा है । अब अखिलेश यादव के पिता जी को मुख्यमंत्री नहीं बनना । इसके बाद पत्रकार के टोके जाने पर उन्होंने कहा कि आपको याद है कि बाप नंबरी और बेटा दस नंबरी। इसके जवाब में पत्रकार ने ओमप्रकाश राजभर से पूछा कि क्या आपको इसका मतलब पता है ? तब उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि वह 10 गुना कंट्रोल करेंगे।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी ने ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा के साथ-साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव की प्रसपा , संजय चौहान की जनवादी पार्टी, जयंत चौधरी की रालोद, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरा वादी, केशव मौर्य की महान दल, एनसीपी और टीएमसी के साथ भी गठबंधन किया है ।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी ने ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा के साथ-साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव की प्रसपा , संजय चौहान की जनवादी पार्टी, जयंत चौधरी की रालोद, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरा वादी, केशव मौर्य की महान दल, एनसीपी और टीएमसी के साथ भी गठबंधन किया है ।
अगर आंकड़ों की बात करें तो इस बार समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को टक्कर देने के लिए कुल आठ अलग-अलग पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। अब यह गठबंधन कितना कारगर साबित होता है क्या यह गठबंधन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को सत्ता दिलाने में कामयाब रहेगा या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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