ऑक्सीजन टैंकर नहीं तो व्यवस्था करें : केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

भुपेन्द्र सिंह कुशवाहा
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कोरोना की दूसरी लहर लहर में देश की राजधानी दिल्ली के हालात बहुत ही भयानक हैं । स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुल चुकी है। स्वास्थ्य व्यवस्था है चारों खाने चित नजर आ रहे हैं ।सबसे पहले तो मरीज को किसी भी हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं बेड मिल भी जाता है , तो वहां पर ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है जिससे मरीज दम तोड़ रहे।अगर एक मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में शुक्रवार रात ऑक्सीजन की कमी के चलते 20 मरीजों की मौत हो गई और 200 से अधिक मरीजों की सांसो पर संकट अभी भी बना हुआ है।

मामले को बढ़ता हुआ देख दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को ऑक्सीजन की कमी को लेकर लगाई फटकार । जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल के सॉलीसिटर जनरल एस जी मेहता और कोर्ट की ओर से वकील सचिन दत्ता ने दिल्ली सरकार को अन्य राज्यों की तुलना में लापरवाह बताया है ।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के ओएसडी आशीष बर्मा को कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि अन्य राज्य ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए कई बड़े कदम उठा रहे हैं कि कोई ऐसा कारण नहीं जो दिल्ली सरकार नहीं कर सकती थी।

कोर्ट ने वर्मा से कहा हम राज्य अपने लिए ऑक्सीजन टैंकरों की व्यवस्था कर रहे हैं अगर आपके पास अपने टैंकर नहीं हैं तो उनकी व्यवस्था करें आपको यह करना ही होगा। केंद्र सरकार के अधिकारियों से संपर्क करें। हम अधिकारियों के बीच संपर्क की सुविधा के लिए यहां नहीं बैठे हैं ।

कोर्ट ने महेरा से कहा अगर आवंटन 3 दिन पहले किया गया था । तो आपने टैंकरों के लिए कोई और विकल्प क्यों नहीं तलाशा? आपकी पार्टी के प्रमुख खुद एक प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं वह जानते हैं कि यह काम कैसे किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राउरकेला एक टैंकर तैयार थे लेकिन इससे लेने के लिए कोई नहीं था। अन्य सभी राज्य ऑक्सीजन के टैंकर के लिए लगातार रेलवे से संपर्क कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार पर व्यंग्य करते हुए कहा कि दिल्ली को तो बनी बनाई थाली पसंद है। हम राज्यों की मदद कर रहे हैं दिल्ली के अधिकारियों को भी ऐसा करने की सख्त जरूरत है।

वही एसजी मेहता ने इस बात पर जोर दिया कि ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू ढंग से करने के लिए दिल्ली में कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसी समस्याओं का किसी अन्य राज्य ने सामना नहीं किया था दिल्ली एक अपवाद है।


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