17 वर्षों से लगातार शिकायत करने के बाद नही मिल पा रहा न्याय - विजय प्रताप सिंह

भुपेन्द्र सिंह कुशवाहा
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दिलीप कुमार

बस्ती ( गौर ) - विकासखण्ड गौर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत रामापुर में न्याय के लिए गरीब परिवार दर - दर की ठोंकरे खा रहा है लेकिन 17 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक गरीब परिवार को न्याय नहीं मिला । वर्तमान समय में प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है जो बुल्डोजर बाबा के नाम से प्रसिद्ध है । प्रदेश सरकार गरीब / असहाय परिवार को शत-प्रतिशत न्याय दिलाने का दावा करती है और गुण्डा माफियाओं से मुक्त प्रदेश बनाने का ढिंढोरा पीटती है परन्तु प्रदेश सरकार का गरीबों को न्याय दिलाने / गुण्डा माफियाओं से मुक्त प्रदेश का दावा पूरी तरह फेल है और गुण्डा माफियाओं का हौसला पूरी तरह बुलन्द है । 


ग्राम पंचायत रामापुर में एक मामला प्रकाश में आया है कि विजय प्रताप सिंह एक गरीब / असहाय परिवार अपने हक के लिए थाना दिवस पैकोलिया , सम्पूर्ण समाधान दिवस तहसील हर्रैया , पुलिस अधीक्षक बस्ती , जिलाधिकारी बस्ती , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गोरखपुर एवं लखनऊ में कई बार शिकायत किया । परन्तु कई बार लगातार शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जांच एवं कार्रवाई के नाम लीपापोती कर दिया जाता है और मामले का निस्तारण कर दिया जाता है । 

17 वर्षों से लगातार शिकायत के बाद भी आज तक गरीब / असहाय / पीड़ित विजय प्रताप सिंह को न्याय दिलाने में जिला प्रशासन पूरी तरह फेल है ।
       
सूत्रों के मुताबिक गरीब / असहाय / पीड़ित विजय प्रताप सिंह तीन भाई थे । जिसमें पीड़ित विजय प्रताप सिंह का चल - अचल संपत्ति में 1/3 का हिस्सा है जो नियमानुसार आदेश भी हो चुका है लेकिन पीड़ित विजय प्रताप सिंह को 1/3 हिस्सा दिलाने में पैकोलिया पुलिस , राजस्व विभाग हरैया समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारी दबंगों के आगे नतमस्तक है जिससे पीड़ित को चल - अचल संपत्ति का 1/3 हिस्सा नही मिल पा रहा है ।वर्ष 2006 से ही अपने पीड़ित विजय प्रताप सिंह अपने हक के लिए आधिकारियों के चक्कर काट रहा है । पीड़ित जब पैकोलिया थाने पर जाता है तो पैकोलिया पुलिस न्याय के बजाए पीड़ित के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर देती है । 

पीड़ित विजय प्रताप सिंह के पास कई लड़किया है जो जवान हो चुकी है परन्तु घर न होने के कारण शादी नही हो पा रही हैं । पीड़ित परिवार पुराने जर्जर घर में रहने को मजबूर है । छत में लगा सरिया सीमेन्ट छोड़ चुका है । जर्जर हालत में घर कभी - कभी गिर सकता है और कभी भी बड़ी घटना गरीब / पीड़ित परिवार के साथ घटित हो सकती है । पीड़ित विजय प्रताप सिंह ने मीडिया टीम को बताया बरसात के पहले यदि घर का 1/3 हिस्सा अधिकारियों द्वारा नही दिलाया गया तो पूरा परिवार जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रशासन के खिलाफ धारा प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी ।

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