आगरा : प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ आगरा नगर निगम के हरिपर्वत वार्ड का सुपरवाइजर संजीव कुमार है।संजीव कुमार आगरा नगर निगम मे अधिकारियो से अच्छी जान पहचान है। उन अधिकारियो से रोहित कुमार नाम के व्यक्ति कि ठेके पद पर नियुक्ति करवाया है। आगरा नगर निगम मे जानकारी मिली है, रोहित कुमार संजीव कुमार सुपरवाइजर का साला है।
अभी कुछ दिन पहले संजीव कुमार और रोहित कुमार ने मिलकर अनिल वर्मा पुत्र हरवीलास वर्मा को अपने दोनों बच्चो के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने थे।उन्होंने संजीव कुमार से वार्ड ऑफिस पर मिले थे उन्होंने वार्ड ऑफिस पर सिर्फ अपना मोबाइल नंबर दिया और कहा मुझसे संपर्क कर लेना।
अनिल वर्मा ने सम्पर्क किया तब संजीव कुमार ने रोहित कुमार को भेज कर जन्म प्रमाण पत्र कि फीस 2000 रूपये बताया उस समय अनिल वर्मा घर पर नहीं थे।तब उनकी पत्नी ने 800 रूपये रोहित कुमार को दिये,800 रूपये देने के बाद भी चक्कर लगाने पर भी बच्चो के जन्म प्रमाण पत्र नहीं बने ,अनिल वर्मा कि पत्नी ने रूपये इसलिए दिये थे क्योंकि बच्चो के स्कूल मे जन्म प्रमाण पत्र मांगा गया था। स्कूल प्रशासन के मुताबिक़ जन्म प्रमाण पत्र ना होने पर बच्चो का नाम स्कूल से कट दिया जायेगा।जन्म पत्र से सम्बन्ध मे अनिल वर्मा ने लिखित शिकायत भी किया है, लेकिन संजीव कुमार कि आगरा नगर निगम मे अधिकारियो और पार्षद से जान पहचान होने के कारण शिकायत को दबाया जा रहा है।इससे पहले भी कई बार शिकायत हुई है लेकिन शिकायतकर्ता लिखना नहीं जानते थे,आगरा नगर निगम के अधिकारियो ने ये बहाना बनाकर कह दिया लिखित मे शिकायत दो।
मृत्यु प्रमाण पत्र जब कोई बनवाने आता है उस मृत्यु प्रणाम पत्र के फार्म मे कुछ ऐसी जानकारी भी है जो किसी -किसी आवेदक को नहीं पता होता है, जैसे मृतक कि मॉ का नाम, आधार नंबर और तम्बाकू शराब कितने वर्षो से पीते थे जब कोई इसका जवाब नहीं दे पता था तो यह कहा जाता है मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पायेगा। ये ज्यादातर उन लोगो के साथ करते जो अशिक्षित होते है, फिर सुविधा शुल्क कि बात तय होने पर आधार कि जगह वोटर आई डी कार्ड, बिजली का बिल, गैस कनेक्शन का नंबर अंकित कर दिया जाता है।
आगरा नगर निगम मे ये देखा जा सकता है जन्म - मृत्यु कि जांच का कार्य ज्यादातर ठेके पद के कर्मचारी कर रहे है। उनमें से ज्यादतर नियुक्ति सफाई कर्मचारी पद पर है। (ठेके )जब शहर मे बहुत से ऐसे शिक्षित लड़के है जिनके पास स्वच्छता से सम्बंधित डिप्लोमा भी उन लोगो को आगरा नगर निगम ने आज तक नौकरी नहीं मिली।शायद ऐसा हो सकता है वो जनता से सुविधा शुल्क लेना नहीं जानते।
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