आगरा की यह हकीकत आपको कर देगी हैरान, बच्चों से भीख मंगवा रहा गैंग...

भुपेन्द्र सिंह कुशवाहा
By -
0

JantaNow के रिपोर्ट सचिन सिंह चौहान ने आज दोपहर 12:00 बजे भगवान टाकीज से गुजरते समय देखा कि तकरीबन 10,15 बच्चे भीख मांग रहे थे । कोई खाने का बहाना रहा था, कोई अपनी मॉ को बीमार बता रहा था बच्चो से थोड़ी ही दुरी पर इनका सुपरवाईजर भी था वह एक-एक बच्चे पर नज़र रखे हुए था । भीख मांगने वाले बच्चों के सुपरवाइज़ार के हिसाब से इन बच्चो की जगह और चौराहा अलॉट किया जाता है । 



हमारे रिपोर्टर ने भीख मांग रहे एक बच्चे से बात करने की कोशिश की गए तोह वह बच्चा वहां से भाग गया और उनकी गैंग भी एक्टिव हो गयी । थोड़ी देर मे वह सभी बच्चे और महिला भी वहां से हट गयी उस बच्चे से जब नाम पूछा तो उसने अपना नाम चुटकी बताया जब उस बच्चे से स्कूल मे पढ़ाई की पूछा तब उसने बयाया हमको यही पढ़ाया जाता है । 


बच्चों से भीख मंगवाने वाली गैंग की तालीम इतनी जबरदस्त है कि कोई बच्चों से कुछ पूछे या मोबाइल हाथ मे लेकर कोई बात करे वहा से तुरंत हट जाना जब दूसरे बच्चे से बात करने की कोशिश कि वह बच्चा भी वह से भाग गया। उसी दौरान दौरान कुछ बुजुर्ग भिखारी आ गए ये भी इस गैंग का हिस्सा रहा थे । बच्चो को बखूबी सिखाया जाता है की अगर कही फस रहे हो तो चौराहे पर ही दूसरे बड़े भिखारीयों को माता पिता बनाकर उनके पास पहुँच जाओ । 

आगरा मे ये गैंग भीख मंगवाने के बस्तियों से बच्चो को लेकर आते है 



ये दृश्य सिर्फ एक चौराहे की नहीं है, आगरा मे रामबाग, भगवान टॉकिंज़, संजय पैलेस, हरीपर्वत, से लेकर प्रतापपुरा चौराहे तक रोज़ाना करीब 50 से 100 बच्चो को बस्तियों से लेकर आते उनको ट्रेड करके उनसे भीख मंगवाते है इस सिस्टम को चलाने मे कितने गैंग सक्रिय है और इनमें क्या कोई बड़ा चेहरा भी है स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता। 

इस गैंग मे जो सुपरवाइजर है, वो चौराहे पर कुछ ना कुछ काम करते है जैसे कुछ लोग गुब्बारे, गाड़ी साफ करना, कपडे और खिलोने बेचते है ताकि उन पर किसी को शक ना हो और भीख मांग रहे बच्चो पर नज़र रखी जाती है। और बच्चो को घायल दिखाने के लिए पट्टी भी बँधी जाती है नकली चोट दिखाने के लिए ताकि बच्चे पर तरस आकर लोग भीख मे ज्यादा पैसे दे ।


चौराहे पर मौजूद दुकान वाले ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया की कुछ बच्चो का गैंग है, जो रेस्टोरेंट, ठेले, फ़ास्ट फ़ूड स्टॉल के पास भीख मांगते है। इन बच्चो की उम्र 2 से 8 साल के बीच है। गैंग के संचालक के द्वारा बच्चो की ऐसी हालत दिखाई जाती है, जैसे कई दिन से भूखे है यह बिल्कुल प्रोफेशनल तरह से अपना काम करते है और अपना हुलिया भी वैसा ही करते है । लोग बच्चों पर तरस खा कर ज्यादा से ज्यादा पैसे दे ।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गैंग की मिली जानकारी 

रेस्क्यू ऑपरेशन से जुडी वॉलटियर दीक्षा भारतद्वाज ने बताया की रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उन्हे जानकारी मिली की एक आदमी 10-12 बच्चो को रोज़ ऑटो मे भरकर लाता है । हर दिन अलग-अलग चौराहो पर उतरता है दिन भर ऑटो चलाता है, रात मे बच्चो को ऑटो मे भरकर वापस ले जाता है । कई बच्चो ने रेस्क्यू होने के बाद बताया था की वह आगरा शहर के नहीं है बल्कि उनके माता -पिता दूसरे शहर मे रहते है । उनसे जबरन भीख मंगवाई जाती है और उन पर दबाव बनाया जाता है कि ज्यादा से ज्यादा भीख मांग कर लाए। अगर पुलिस प्रशासन के द्वारा गहराई से जांच की जाए तो इसमें कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं और बच्चों को इस दलदल से निकाला जा सकता है ,और उन्हें बेहतर शिक्षा के लिए स्कूलों में दाखिला दिलाया जा सकता है।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

आप अपने सुझाव हमे यहा टिप्पणी कर के दे सकते हे

एक टिप्पणी भेजें (0)