बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन
- सर गंगाराम हॉस्पिटल के डाक्टरों से रूपक त्यागी बोले मेरे जीवन की चिंता ना करें, भाई जीवित रहना चाहिये भले ही दोनो किड़नी भाई को लग जाये
- भाई-भाई के बीच जमीन-जायदाद को हड़पने को लेकर खून-खराबे हो रहे है, ऐसे समय में रूपक त्यागी समाज, देश और विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत है
- भाई-भाई के बीच जमीन-जायदाद को हड़पने को लेकर खून-खराबे हो रहे है, ऐसे समय में रूपक त्यागी समाज, देश और विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत है
भाई के प्रति भाई के प्रेम, त्याग और आदर भावना का बागपत के रूपक त्यागी एक आदर्श उदाहरण है। रूपक त्यागी जैसे भाई इस संसार में मिलने बड़े दुर्लभ है। ग्रामवासियों ने बताया कि घर ही बच्चों की प्रथम पाठशाला होती है। बताया कि रूपक के पिता तपेश्वर त्यागी पेशे से शिक्षक है। परिवार बड़ा ही धार्मिक है और समाजसेवी कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। ग्रामवासियों ने कहा कि जो संस्कार रूपक त्यागी को उनके परिजनो ने दिये है, वह काबिले तारीफ है। कहा कि आज के समय में जहॉ भाई-भाई के बीच जमीन-जायदाद को हड़पने को लेकर खून-खराबे हो रहे है, ऐसे समय में रूपक त्यागी समाज, देश और विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
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