रिपोर्ट :रामनरेश ओझा
घटनाक्रम शाम पांच बजे का है। बाजार में युवा बहरूपिया राधारानी के स्वरूप में दुकानदारों से पैसा मांग रहा था। वह पुरानी तहसील के चौराहे पर सुरेश मुखिया हलवाई की दुकान से आगे बढ़ा, तभी किन्नरों की टोली ने घेरकर पीटना शुरू कर दिया। नकली बाल नोंच कपड़े फाड़ दिए और मटकी फोड़ कंठी-मालाएं तोड़ डालीं। सरेराह मारपीट होते देख मौके पर तमाशबीन लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई लेकिन स्वरूप को बचाने कोई नहीं आया।
तभी पूर्व पालिकाध्यक्ष बिशम्भर सिंह ठेकेदार और वस्त्र व्यवसायी आनंद गुप्ता, पूर्व सभासद बनबारीलाल बघेल आदि ने हस्तक्षेप कर बहरूपिया को बचाया और किन्नरों को तमाम खरीखोटीं सुनाईं। किन्नर कह रहे थे कि अपने इलाके में हम किसी को नेग नहीं मांगने देंगे।
पूर्व चेयरमैन का कहना था कि धार्मिक स्वरूप के साथ स्थानीय किन्नरों द्वारा मारपीट करना निंदनीय कृत्य है। मौके पर जमा भीड़ ने बताया कि मारपीट करने वालों ने बहरूपिया को नकली किन्नर समझ लिया था। इसके बाद उसके गाल लाल कर डाले। मारपीट होते देख पहुंचे पुलिस कांस्टेबिल सत्यवीर सिंह ने बहरूपिया को पीटने वाले किन्नरों को खूब हड़काया और भीड़ को भी हटा दिया। इस बीच बहरूपिया आगे बढ़ा तो दुस्साहसी किन्नरों ने उसे पुन: गिहार बस्ती के सामने पकड़ लिया। सब्जी विक्रेता मोनू कुशवाहा ने बताया कि बहरूपिया युवक हर सप्ताह विभिन्न स्वरूपों में सजकर बाजार में पैसे मांगने आता है। मेरे नाम से लगना चाहिए
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