UP Election : अखिलेश यादव करहल सीट से भरेंगे नामांकन , जानिए क्या है यहां का जातीय समीकरण ?

भुपेन्द्र सिंह कुशवाहा
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Akhiles Yadav Nomination : उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है . जबसे प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है तभी से करहल सीट चर्चा में बनी हुई है. क्योंकि इटावा से मैनपुरी तक समाजवादियों का गढ़ माना जाता है. इस चित्र में मुलायम सिंह के परिवार की गहरी और अच्छी पकड़ है . बीजेपी या अन्य पार्टियों का नाम लेने वाला दूर-दूर तक नजर नहीं आता.

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 मैनपुरी जिले की करहल सीट की बात करें तो  यह स्वीट मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि थी. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का गृह जिला इटावा इसके करीब ही है । सपा सरकार के कार्यकाल में बनाया गया लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे इसी करहल इलाके के बीच से गुजरता है. इसी क्षेत्र में मुलायम सिंह यादव के परिवार की अच्छी खासी पकड़ है . इसी जगह से आज अखिलेश यादव अपना नामांकन पत्र भरने जा रहे हैं.  सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अखिलेश कल ही   सैफई चुके हैं. जहां से वे करहल के लिए रवाना होगे.

करहल से ही नेता जी ने पढ़ाई की

करहल से नेता जी का बहुत ही पुराना रिश्ता रहा है . मैनपुरी की करहल से नेता जी ने शुरुआती पढ़ाई लिखाई की और जैन इंटर कॉलेज के वह पढ़े-लिखे बाद में वही शिक्षक भी बन गए . यहीं से नेतागिरी की दुनिया में कदम रखा और अब अखिलेश यहीं से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. 
सपा का गढ़ है करहल

जातीय समीकरण कुछ इस प्रकार है. करहल में कुल 3. 71 लाख वोट है , यादव वोटों की संख्या 1.44 लाख है , वही शाक्य 35000 ,लोधी 11 हजार , क्षत्रिय 25000, ब्राह्मण 14 हजार , जाटव 34 हजार और मुस्लिम वोटों की संख्या की बात की जाए तो 14 हजार है . बीजेपी शुरू से ही अखिलेश यादव पर सुरक्षित सीट का चयन करने का आरोप लगाती रही है. तो क्या इसलिए बीजेपी अखिलेश को चुनौती देने से कतरा रही है. यह सवाल इसलिए जहन में आता है क्योंकि करहल में नामांकन करने के लिए मंगलवार तक का वक़्त है. लेकिन बीजेपी के द्वारा इस सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा अभी तक नहीं की गई . 
रामगोपाल  यादव ने क्या कहा ?

अखिलेश यादव के चाचा यानी कि रामगोपाल यादव ने तो यहां तक कह दिया है कि इतनी बड़ी शख्सियत यानी कि अखिलेश के सामने बीजेपी के प्रत्याशी ने अपना नाम वापस लिया. रामगोपाल के मुताबिक अखिलेश यादव करहल से 1,60000 वोटों से जीतेगे. इसके बाद बस 1 दिन और बचा है यह देखना रहेगा कि अखिलेश यादव के सामने बीजेपी पार्टी उम्मीदवार को खड़ा करती है या नहीं . यदि किसी उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आता तो यह कहना कदापि गलत नहीं होगा कि अखिलेश यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी ने घुटने टेक दिए है .

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