व्रती महिलाओं को अपनी श्रद्धा और आर्थिक स्थिति के अनुसार सोने, पीतल, चांदी अथवा मिट्टी का करवा भरना चाहिए । इसके बाद सौभाग्यवती महिलाओं को श्रंगार की सभी वस्तुओं को थाली में सजाकर पूजा स्थल पर रखना चाहिए। भक्ति भाव एवं विधि विधान के साथ पूजन करने के बाद चंद्रमा के दर्शन करके उन्हें जल का अर्थ देना होता है। जो व्रती महिलाएं पहली बार यह व्रत रख रही हैं उनके लिए यह बात बेहद जानना जरूरी है कि चंद्रमा का दर्शन चलनी की ओट से करने का विधि विधान है। विद्वान ज्योतिषियों के मतानुसार यदि व्रती महिलाएं अपनी जन्मतिथि के अनुसार कपड़ों का चयन करें एवं उन्हीं कपड़ों को धारण करें तो मान्यता है कि इससे मां बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से व्रती महिलाओं की सभी मुरादें पूर्ण होती है ।
पूजा के समय जन्म तिथि के अनुसार वस्त्र धारण करें पूर्ण होगी आपकी सभी मनोकामनाएं
धार्मिक मान्यता है कि जन्मतिथि के अनुसार वस्त्र धारण कर पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। अंक ज्योतिष के मुताबिक जिसका जन्म 1,10,19, या 28 तारीख को हुआ है उन्हें लाल गुलाबी या नारंगी रंग के कपड़ों का चयन करना चाहिए। जिन महिलाओं का जन्म 2,11,29 को हुआ है उन्हें चमकीला वस्त्र धारण करना अति उत्तम साबित होगा। जिन की जन्म तिथि 03,12,21,30 है उन महिलाओं को पीला यह सुनहरे रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। 4,13,22,31 तारीख को जन्म लेने वाली महिलाओं को चमकीला रंग शुभ होता है। इसी प्रकार 5,14,23 को जन्म लेने वाली महिलाओं के लिए लाल सफेद मिश्रित, 7,16,25 के लिए मिश्रित रंग लाभदाई साबित होगा ।8,17,26 को जन्म देने वाली महिलाओं को ही मिला या भूरा रंग तथा9,18,27 तारीख को जन्म लेने वाली महिलाओं के लिए गुलाबी नारंगी एवं लाल रंग अत्यंत शुभ फलदायक होंगे ।
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