बागपत के हलालपुर गांव के हरिलाल नगर में स्थित बाबा मोहनराम जी का एक भव्य और चम्तकारी दिव्य मन्दिर स्थित है। इस मन्दिर की ख्याति देश ही नही विदेशों तक में मानी जाती है। जिस स्थान पर यह आलौकिक शक्तियों से सम्पन्न दिव्य मन्दिर विराजमान है, उस स्थान पर प्राचीन काल में महर्षि वेद व्यास जी का आश्रम था। प्राचीन काल में यह दिव्य स्थान भगवान श्री कृष्ण, गुरू गोरखनाथ जी से लेकर अनेकों सिद्ध महर्षियों, साधु-संतो की तपोभूमि रहा है।
- काली खोली राजस्थान से लायी गयी ज्योति के विराजमान होने से आलौकिक शक्तियों से सम्पन्न है बाबा का यह धाम
बताया जाता है कि बाबा मोहनराम ने अपने परम भक्त बागपत जनपद के गांव हलालपुर निवासी डाक्टर तेजबीर सिंह खोखर को दर्शन देकर महर्षि वेद व्यास जी के इस पवित्र आश्रम स्थल पर बाबा का मन्दिर बनाने की आज्ञा दी। तेजबीर सिंह ने बाबा की आज्ञा का पालन करते हुए इस स्थान को खरीदकर उस पर बाबा का बड़ा ही भव्य मंदिर और आश्रम बनवा दिया और बाबा के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बाबा मोहनराम काली खोली धाम राजस्थान से बाबा की दिव्य अखण्ड़ ज्योति को इस पवित्र मंदिर में लाकर प्रज्जवलित कर दिया, जिससे मंदिर आलौकिक शक्तियों से सम्पन्न हो गया। इस मन्दिर में श्रद्धापूर्वक आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होने लगी व उनके दुख-दर्द दूर होने लगे और इसकी ख्याति दूर-दराज क्षेत्रों में फैल गयी। वर्तमान में यह दिव्य मन्दिर सभी धर्मो की आस्था का मुख्य केन्द्र माना जाता है।
इस दिव्य मन्दिर में अनेकों भगवानों, देवी-देवताओं की भव्य प्रतिमा स्थापित है। बाबा के परमभक्त डाक्टर तेजबीर सिंह खोखर जी को अनेकों उपाधियों से सम्मानित किया गया है। वर्तमान में इनको पीठाधिपति भगवान वेद व्यास धर्मपीठ अखंड़ भूमण्ड़लाधीश्वर धर्मचक्रवर्ती अनन्त श्री विभूषित जगदगुरू वल्लभाचार्य महाप्रभु वैद्यराज डाक्टर तेजबीर सिंह खोखर के नाम से जाना जाता है। इस पवित्र स्थान को बाबा मोहनराम आश्रम देव भूमि, कृष्ण तीर्थ, वेद व्यास धर्मपीठ आदि नामों से भी जाना जाता है। इस दिव्य मन्दिर में उपलब्ध साहित्य में मन्दिर की दिव्यता और प्राचीन काल में इस स्थान की महत्ता के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। हर 15 दिनों के अन्तराल पर आने वाली दोज तिथि पर भक्तों की भारी-भीड़ इस दिव्य मन्दिर में देखी जाती है।
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