UP NEWS | सचिव एवं तकनीकी सहायक के मिली भगत से तीन मनरेगा साइडों का हुआ फर्जी भुगतान

भुपेन्द्र सिंह कुशवाहा
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रिर्पोट, दिलीप कुमार

बस्ती ( सल्टौवा गोपालपुर ) - ग्राम पंचायत मधवापुर प्रथम में दिनांक - 21-04-2024 को सोशल मीडिया पर आनलाइन फर्जी मस्टर रोल जारी करके ग्राम प्रधान राजमणि , सचिव अंकुर कुमार एवं तकनीकी सहायक ( जेई ) की मिलीभगत से फर्जी मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगने की खबर वायरल हुई थी । 

जिसमें तीन साइड पर मनरेगा कार्य कार्य धरातल पर न कराकर कागज में पूर्ण हो रहा था जिसमें प्रथम साइड उत्तर धोबी घाट पर कपड़ा सुखाने हेतु खाली जमीन पर मिट्टी पटाई कार्य जेसीबी मशीन से खुदाई कार्य हुआ था परन्तु आनलाइन मास्टर रोल जारी करके फर्जी मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगाई जा रही थी दूसरा कार्य अमृतसर सरोवर के बगल मिट्टी पटाई कार्य एवं तीसरा कार्य बैरिहवां जाने वाले मार्ग के पश्चिम कब्रिस्तान तक कृषि कार्य हेतु चक मार्ग निर्माण कार्य मात्र कागज में चल रहा था । जिसका खुलासा धरातलीय पड़ताल के बाद मीडिया टीम ने किया था और ग्रामीणों ने भी ग्राम प्रधान राजमणि के काले कारनामे के बारे में मीडिया टीम जानकारी दिया था । 


तीनों मनरेगा साइडों को मिलाकर 151 मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी लग रही थी । आनलाइन मस्टर रोल दिनांक - 11-04-2024 से 26-04-2024 तक जारी हुआ था । इस संबंध में ग्राम प्रधान राज मणि ,सचिव अंकुर कुमार एवं तकनीकी सहायक गोपाल ने मीडिया टीम से कहा था कि फर्जी चल रहे मनरेगा कार्यों की गोपनीयता भंग हो गई है तीनों साइडों का आनलाइन जारी मास्टर रोल जीरो करवा दिया जाएगा । 

परन्तु सचिव अंकुर कुमार एवं तकनीकी सहायक गोपाल ने मीडिया को गुमराह करते हुए तीनों साइडों का फर्जी भुगतान करा दिया है और ग्राम प्रधान राज मणि भी धड़ल्ले से फर्जी भुगतान लेने से नही चुक रहे हैं सचिव अंकुर कुमार और तकनीकी सहायक ( जे ई ) गोपाल को मनचाहा कमीशन देकर सरकारी धन को खाली करने में सफल है । खण्ड विकास अधिकारी सल्टौवा गोपालपुर भी ग्राम पंचायत मधवापुर प्रथम के भ्रष्टाचार के गाल में समा गए हैं । खण्ड विकास अधिकारी की निष्क्रियता से ग्राम प्रधान , सचिव एवं तकनीकी सहायक भ्रष्टाचार करने में मस्त हैं।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिव अंकुर कुमार ने तीन मनरेगा साइडों की फर्जी मास्टर रोल पर ग्राम प्रधान राजमणि से मोटी रकम लेकर हस्ताक्षर करके फर्जी भुगतान करने में हम भूमिका निभाई है और तकनीकी सहायक गोपाल ने भी तीनों मनरेगा साइडों का फर्जी एम बी कर दिया । फर्जी सचिव अंकुर कुमार एवं तकनीकी सहायक गोपाल को अपने मनचाहा कमीशन से मतलब रहता है चाहे ग्राम प्रधान मनरेगा कार्य धरातल पर कराये या कागज में कराये।

सचिव अंकुर कुमार एवं तकनीकी सहायक गोपाल के द्वारा बिना मनरेगा मजदूरों से कार्य कराये फर्जी भुगतान कराने को लेकर जिले में तरह-तरह की चर्चा चल रही है । इससे स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत मधवापुर प्रथम में यदि मनरेगा कार्यों की जांच निष्पक्ष रूप से की जाए तो कई जिम्मेदारों पर गाज गिर सकती है ।

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