बस्ती संवाददाता - मनरेगा योजना व भ्रष्टाचार का मानो चोली दामन का साथ हो , दोनो एक दूसरे के पूरक बन गए हैं । ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना का भ्रष्टाचार अक्सर मीडिया में सुर्खियां बना रहता है परन्तु मनरेगा का यह भ्रष्टाचार मनरेगा के सबसे बड़े जनपदीय कार्यालय में भी अपनी दस्तक दे चुका है जिसका नतीजा है कि जनपद स्तरीय मनरेगा कार्यालय में नियम विरुद्ध तरीके से धीरेन्द्र यादव जैसे बाबू अपना पॉव अंगद की तरह जमाए हुए हैं ।
नियम विरुद्ध तैनाती से कार्यालय पर उठ रहा प्रश्न चिन्ह
चुनावी वेला में कार्यालयों में तीन वर्ष से अधिक अवधि से तैनात बाबुओं का स्थानान्तरण करके निर्वाचन प्रक्रिया की शुचिता को बचाने का प्रयास जिला निर्वाचन अधिकारी / जिला अधिकारी द्वारा पूरी तन्मयता से किया जा रहा है परन्तु डी0सी0 मनरेगा कार्यालय में तैनात धीरेन्द्र यादव नामक बाबू जिला अधिकारी व निर्वाचन आयोग की नजरों में धूल झोंककर कई वर्षों से कार्यालय में जमा हुआ है ।
कार्यालय के जिम्मेदार डी0सी0 मनरेगा ने मामले में साधा चुप्पी
सूत्रों की माने तो धीरेन्द्र यादव नामक इस बाबू का कागजी स्थानान्तरण तो अन्यत्र जगह किया जाता है परन्तु जिम्मेदारों से दुरभि संधि के चलते ये आरोपी बाबू डी0सी0 मनरेगा कार्यालय में ही जमा रहता है । सूत्र यह भी बताते हैं कि धीरेन्द्र यादव नामक यह बाबू आरोपी ग्राम प्रधानों/ कर्मचारियों तथा डी०सी० मनरेगा के बीच कड़ी का कार्य कई वर्षों से कर रहा है जिसके कारण कोई भी डी०सी० धीरेन्द्र यादव के आगे घुटने टेकने को मजबूर हो जाता है ।
कागजी आंकड़ो की बात करें तो महाशय की वर्तमान समय में तैनाती किसी ब्लाक में है परन्तु हकीकत कुछ अलग है कई वर्षों से ये विकास भवन स्थित डी०सी० मनरेगा कार्यालय में अपनी गनक बनाए हुए हैं ।
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