मां की महानता को व्यक्त करना मेरी कल्पनाशक्ति से भी दूर है- हिमांशु शर्मा

भुपेन्द्र सिंह कुशवाहा
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बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।

बिनौली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डा हिमांशु शर्मा ने mother's day पर अपनी मां स्वर्गीय नीरा अमृत को याद करते हुए मां के बारे में अपने विचार साझा किये। डा हिमांशु शर्मा ने कहा कि मेरी मां नीरा अमृत इस धरती पर ईश्वर का भेजा हुआ अनमोल उपहार थी। ईश्वर हर जगह मौजूद नही रह सकता इसलिए उसने माँ को बनाया। डा हिमांशु शर्मा ने बताया कि मेरी मां मेरी सबसे अच्छी शिक्षक, मार्गदर्शक व मित्र थी। मां मेरे जीवन में कई सारी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती थी।

  मेरी माॅ इस धरती पर ईश्वर का भेजा अनमोल उपहार थी: डा हिमांशु शर्मा

 मैं जब भी किसी समस्या में होता था तो मां मुझमें विश्वास पैदा करने का कार्य करती थी। वह हर विपरित परिस्थितियों में मेरे साथ खडी रहती थी और हर समस्याओं, दुखों, विपत्तियों का सामना करने के लिए मुझको जागरूक करती थी। डा हिमांशु शर्मा ने बताया कि मेरी मां प्रेम और त्याग की प्रतिमूर्ति थी। जिस मां ने मुझको लिखा उस मां की महानता को व्यक्त करने के लिए वर्तमान में विश्व की किसी वर्णमाला में कोई सटीक शब्द नही है।

  मां की महानता को व्यक्त करना तो मेरी कल्पनाशक्ति से भी दूर है। शायद ही कोई दिन हो जिस दिन में उनको याद नही करता हूॅं। डा हिमांशु शर्मा ने कहा कि मां भले ही प्रत्यक्ष रूप से मेरे साथ ना हो लेकिन हर पल मां के साथ होने का अहसास होता है। मैं अपनी मां को अपना आदर्श और सबसे अच्छा मित्र मानता हूॅं। मां ही मेरे जीवन का आधार स्तम्भ है और मां को मैं आगाध प्रेम कल भी करता था और आज भी करता हूॅं।

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