बुंदेलखंड पर 1 नज़र बुन्देलखण्ड और झांसी के आस पास ऐतिहासिक दृष्टि पे एक नजर

शिवम कुशवाहा
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बुन्देलखण्ड और झांसी के आस पास ऐतिहासिक दृष्टि पे एक नजर ...


दोस्तों नमस्कार आज हम आप सभी के लिए इस आर्टिकल के माध्यम से बहुत ही दिलचस्प जानकारी लेकर आए हैं हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपको अच्छी लगेगी और आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित होगी. आज हम आप लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से बुंदेलखंड के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारियां बताने वाले हैं .जैसे कि प्राचीन काल में जगहों का नाम क्या था कौन-कौन से प्रसिद्ध राजा महाराजा हुए जिन्होंने बुंदेलखंड पर शासन किया और अपना परचम लहराया, कौन-कौन सी इमारते हैं जो आज भी बुलंद खड़ी हुई है.  यह जानकारी आपके लिए इसलिए जानना जरूरी हो जाता है कि कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं में इतिहास से संबंधित सवाल जवाब किए जाते हैं तो आपको इतिहास का नॉलेज होना जरूरी है .


हम पूर्ण विश्वास से कह सकते हैं कि यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको गौरव महसूस होगा कि हमने आखिर बुंदेलखंड जैसी धरती पर जन्म लिया है. दोस्तों आपने दादा -दादी नाना-नानी और किताबों में पढ़ा ही होगा कि बुंदेलखंड में एक से  बढ़कर एक राजा महाराजाओं ने जन्म लिया है .और लंबे अरसे तक राज किया आज उनके कुछ पहलुओं को आपके सामने पेश करने वाले हैं तो दोस्तों इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और बुंदेलखंड की भूमि को नमन करें.
1.झाँसी ( प्राचीन नाम बलबन्त नगर) मराठा ब्राह्मण बंश क
महारानी लक्ष्मी बाई की कर्म भूमि
2.गढ़ कुंडार ..महाराजा खेत सिंह खंगार का अजेय तिलिस्मी दुर्ग
3. बड़ागाँव .. ओरछा राज्य के कुँअर हरदौल की गड़ी
4.चिरगांव(प्राचीन नाम राम गड़ी) राव मुरतसिंह की हवेली और राष्ट्र कवि मैथली शरण गुप्त की .नगरी
5 रामनगर और औपारा प्राचीन समय के
नमक के थोक व्यापारिक केंद्र
6.बिराहटा .इतिहास प्रसिद्ध पद्धमनि का जन्मस्थान
7. मोंठ (महेंद्र गढ़) ब्राह्मण बनशके
राजा महेंद्र गोश्वामि का किला कभी पूरे भारत में दशनामी अखाड़े यही से संचालित हुए हिम्मत बहादुर अनूप गुसाई ने कानपुर ग्वालियर और दिल्ली तक युद्ध में फतह की थी "रामलीला"आज भी मोठ की प्रसिद्ध है।
8.समथर(शमशेर गढ़)गुर्जर राज्य बंस का किला ...यह की "रामनवमी"प्रसिद्ध
9. अमरा(अमम्बर गढ़)
वीर योद्धा आल्हा ऊदल के गुरु अमर गुरु का किला और ..रामवाडा..प्रसिद्ध
10.शाहपुर ..वे चिराग बस्ती ...यह की कुसुम पण्डित नामक बालिका रानी झाँसी के लिए अंग्रेजो से लड़ी पूरा गांव शहीद हुआ अब केवल ध्वार की शीतला माता सिद्ध पीठ मन्दिर हे।
11..एरच ...हिरणा कश्यप की राजधानी और प्रहलाद की जन्म स्थली
सम्पूर्ण विश्व में खेले जाने बाला रंगो का त्यौहार होली की सुरुआत यही से हुई।
12 कोंच ...अंग्रेजी समय का व्यापारिक केंद्र ताजिया प्रसिद्ध हे यहांके
13. महाराज गंज (ढेरी ढेरा)प्राचीन व्यापारिक केंद्र साढे तेरह लखपतियों का बाजार लगता था
14.ओरछा ..प्रकार्तिक सौंदर्य से भरपूर नगर जहाँ सम्पूर्ण भारत में केवल ओरछा में एक मात्र मन्दिर ऐसा हे आज भी श्री राम को राजा के रूप में माना जाता है 

ओरछा में एक मात्र मन्दिर ऐसा हे आज भी श्री राम को राजा के रूप में माना जाता है 


   15.दतिया माँ पीतम्बरा शक्ति पीठ
कभी चुंगुल चिड़िया मारने से यह के राजा दिलीप सिंह ने बिश्व में नाम किया था
16.राठ ब्रह्मा नन्द की स्थली
17.महोबा चन्देल राजा परमाल और इतिहास प्रसिद्ध रण बाँकुरे आल्हा ऊदल की राजधानी और रानी दर्गावती का जन्म स्थान
18.नरवर राजा नल की राजधानी
19 छतरपुर राजा छत्रशाल की राजधानी
20 विजना पखावर के संगीत से मेघ राग द्वारा पानी बरसाने बाले राजा छत्रपति सिंह का किला
21. ढु रवईं..प्रसिद्ध काली मन्दिर
22. टहरोली बुन्देला राजा का किला
23. बरुआसागर झरना प्रसिद्ध
24. उरई माहिल की राजधानी, उरई में मौजूद महिल तालाब का वर्णन इतिहास में पाया जाता है और आज भी उस माहिल तालाब को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं.
25. कालपी बुंदेलखंड का प्रवेश द्वार माना जाता है कालपी के जिक्र के बगैर बुंदेलखंड का इतिहास लिखना असंभव हे. कालपी को भगवान भोलेनाथ की नगरी भी कहा जाता है . अगर इतिहासकारों की मानें तो उन्होंने कई जगह जिक्र किया है कि बनारस के बाद सबसे ज्यादा शिवलिंग कालपी में ही स्थापित है . इतिहासकारों ने कालपी स्थित चौरासी गुंबद और लंका मीनार जैसी इमारतों का खूब बखान किया है. अगर चौरासी गुंबद की बात की जाए तो कहा जाता है कि उनके गुंबदो को गिन पाना असंभव है आप जितनी बार उन्हें गिनेगे  उतनी बार उनकी संख्या अलग-अलग पाई जाएगी . कालपी को महर्षि वेदव्यास की नगरी भी कहा जाता है .इसलिये बुंदेलखंड का इतिहास प्रिसिद्ध है.
26.पन्ना बुंदेलखंड में मौजूद है और उसके हीरे पूरे विश्व में विख्यात है


नोट - दोस्तों आप सभी को हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करके जरूर बताएं आपका एक कमेंट हमारा हौसला बढ़ाता है . यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने जानने पहचानने वालों को भी बुंदेलखंड के इतिहास के बारे में अवश्य जानकारी शेयर करें. साथ ही आपसे जो सहयोग हो वह हमें डोनेट सेशन में जाकर दान करें जिससे कि हम निरंतर आपके लिए नई-नई इसी प्रकार की जानकारियां लाते रहे . क्योंकि वेबसाइट चलाने के लिए मेहनत के साथ सब साइड के रखरखाव के लिए काफी खर्च भी आता है इसलिए आप लोगों से एक सहयोग की अपेक्षा की जा रही है.

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