पंजीकरण करने में युवक श्रमिकों का प्रतिशत सबसे अधिक
यदि हम सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करें तो उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिसंबर माह में एक घोषणा की गई थी। उस घोषणा के मुताबिक उत्तर प्रदेश मैं ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को हर माह ₹500 देने की घोषणा की गई थी। उसके बाद श्रमिक पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए लोगों की बाढ़ सी आ गई। इसके चलते वेबसाइट की हालत भी काफी खराब देखने को मिली वेबसाइट पर नए पंजीकरण करने करते वक्त लोगों को हैवी ट्रैफिक का भी सामना करना पड़ा।पोर्टल पर हेवी ट्रैफिक होने के बावजूद भी यह संख्या आज के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 7 करोड़ 1 लाख के पार पहुंच चुकी है ।
आपको बताते चलें कि सोमवार को प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के खाते में 1000 - 1000 की राशि ट्रांसफर की गई है ।
पूरे भारत देश में इन तीन राज्यों में हुए सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन
उत्तर प्रदेश में 7 करोड़ 1 लाख, वही दसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल की बात करें तो वहां पर 2.38 करोड़,वही बिहार में 1 करोड़ 88 लाख से अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन सफलता पूर्वक किए गए।
कोन बनावा सकता है ई-श्रमिक कार्ड
दुकान पर काम करने वाला नौकर,सेल्समैन,हेल्पर,ऑटो चालक, ड्राइवर, पंचर बनाने वाला, डेयरी वाले, सभी पशुपालक, डिलीवरी बॉय, अमेज़न फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय (कूरियर वाले), नर्स, वार्डबॉय, आया, ट्यूटर, घर का नौकर - नौकरानी (काम वाली बाई), खाना बनाने वाली बाई (कुक), सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर की वर्कर, नाई, मोची, दर्ज़ी ,बढ़ई , प्लम्बर, बिजली वाला (इलेक्ट्रीशियन), पोताई वाला (पेंटर), टाइल्स वाला, वेल्डिंग वाला, खेती वाले मज़दूर, नरेगा मज़दूर, ईंट भट्ठा के मज़दूर, पत्थर तोड़ने वाले, खदान मज़दूर, फाल्स सीलिंग वाला, मूर्ती बनाने वाले, मछुवारा, रेजा, कुली, रिक्शा चालक, ठेला में किसी भी प्रकार का सामान बेचने वाला (वेंडर), चाट ठेला वाला, भेल वाला, चाय वाला, होटल के नौकर/वेटर, रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर, मंदिर के पुजारी, विभिन्न सरकारी ऑफिस के दैनिक वेतन भोगी यानी वास्तव में आपके आसपास दिखने वाले प्रत्येक कामगार का यह कार्ड बन सकता है।
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