दायर याचिका की सुनवाई के वक्क्त केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा - निर्देश में व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध कोरोना का टीका लगाने की बात नहीं कही है । सरकार ने आगे कहा कि कोविड-19 का टीकाकरण अनिवार्य नहीं है । टीकाकरण करवाना लोगों पर निर्भर है वह टीका लेना चाहते हैं या नहीं । महामारी का विकराल रूप देखते हुए टीकाकरण लोगों के हित में है इस बात का प्रचार किया है कि लोगों को टीका लगवाना चाहिए।
• केंद्र ने एक जनहित याचिका के जवाब में दायर हलफनामे में जोड़ दिया कि टीका जनहित में है।
• सरकार ने ऐसी कोई एसओपी जारी नहीं की कि किसी भी मकसद की जीटी का प्रमाण पत्र अनिवार्य हो।
• सरकार ने बताया कि टीकाकरण की परिचालन दिशा निर्देश के अनुसार सभी लाभार्थियों को प्रतिकूल घटनाओं के बारे में बताना जरूरी है.
• केंद्र सरकार ने आगे कहा कि पहली व दूसरी खुराक के पात्र लाभार्थियों का 100 फीसदी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए बीते साल नवंबर हर घर दस्तक अभियान शुरू किया गया था।
• राज्य सरकारों को सलाह दी है कि वे बिस्तर पर पड़े या दिव्यांगों को विशेष जरूरतों के साथ उनके निवास पर ही टीकाकरण करें।
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