सरधना स्थित चमत्कारी शक्तियों से सम्पन्न विश्व प्रसिद्ध चर्च

भुपेन्द्र सिंह कुशवाहा
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सरधना स्थित चमत्कारी शक्तियों से सम्पन्न विश्व प्रसिद्ध चर्च

मेरठ, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन। 


- हर वर्ष विश्व भर से विभिन्न जाति-धर्मो के हजारो-लाखों लोग ऊॅच-नीच का भेदभाव भुलाकर माता मरियम के दर्शनों को इस चमत्कारी चर्च में आते है


- माता मरियम और प्रभु यीशु के चमत्कारों से प्रभावित होकर भारतीय इतिहास की ताकतवर मुस्लिम महिला बेगम योहन्ना समरू ने कराया था इस विशाल, खूबसूरत और भव्य चर्च का निर्माण

मेरठ :-ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मेरठ जनपद की धरती पर एक ऐसा चमत्कारी चर्च मौजूद है जहाँ पर हर वर्ष विश्व भर से विभिन्न जाति-धर्मो के हजारो-लाखों लोग ऊॅच-नीच का भेदभाव भुलाकर माता मरियम और प्रभु यीशु के दर्शनों को आते है।


सरधना शहर में स्थित इस विशाल, खूबसूरत और भव्य चर्च का निर्माण भारतीय इतिहास की ताकतवर मुस्लिम महिलाओं में शुमार महारानी बेगम योहन्ना समरू ने कराया। बेगम का मुस्लिम नाम फरजाना और क्रिश्चयन नाम योहन्ना था। इनके पति का नाम वाल्टर रेंनार्ड उर्फ समरू था। बेगम को विभिन्न प्रकार के शस्त्रों को चलाने में महारत हासिल थी। देश और विदेश के अनेकों ऐतिहासिक दस्तावेजों में बेगम की ताकत और उनकी शान के बारे में लिखा गया है। ताकतवर होने के साथ-साथ वे बहुत ही खूबसूरत, मधुर व्यवहारी, होशियार, ईमानदार, एक नेकदिल और रहमदिल इंसान थी और हर धर्म के लोगों की दिल से सहायता करती थी। अरब से जुड़ी हुई इन महान बेगम की शादी एक क्रिश्चयन परिवार में हुई थी। बेगम ने ईसाई धर्म को पूरे मन के साथ अपना लिया था। हिन्दुस्तान की अनेक भाषाओं और फारसी भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ थी। बेगम के माता-पिता हिन्दुस्तान में स्थायी रूप से रहने लगे थे। बेगम ने हिन्दुस्तान के लोगों की खुशहाली के लिये जीवन भर कार्य किया। उनको माता मरियम और प्रभु यीशु पर अटूट विश्वास था। उन्होने अपने जीवनकाल में अनेकों लड़ाईयां लड़ी। माता मरियम और प्रभु यीशु के आर्शीवाद से उनके जीवन और युद्ध के दौरान आयी सभी परेशानियों, विपदाओं आदि का प्रभाव चमत्कारिक रूप से समाप्त हो गया। बेगम व उनके पति ने परमेश्वर के चमत्कारों से प्रभावित होकर लोगों के उद्धार के लिये एक विशाल और भव्य चर्च बनाने का संकल्प लिया। पति की मृत्यु के उपरान्त बेगम ने कुशल वास्तुकारों की मद्द से सरधना में एक विशाल, खूबसूरत और भव्य चर्च का निर्माण करवाया। 



चर्च के निर्माण में देश-विदेश के ईसाई धर्म के शीर्ष विद्धानों, इंजीनियरों आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। वास्तुकला पर विशेष ध्यान दिया गया। चर्च में माता मरियम की अद्धुत तस्वीर है, जिसको अनेकों विश्व प्रसिद्ध संतो द्वारा चमत्कारी शक्तियों से सम्पन्न किया गया है। चर्च की चमत्कारी शक्तियों के बारे में चर्च के फादर सासिन बाबू जी बताते है कि सच्चे मन से जो कोई माता मरियम और प्रभु यीशु के इस पवित्र चर्च में आता है, उसकी सब इच्छा पूर्ण होती है। कहा कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नही होती। यहॉं आने वाले श्रद्धालुगण स्वयं चर्च के चमत्कारों के बारे में बताते है। चर्च के सेवक सेमुअल एल्वर्ट जी बताते है कि वह पिछले लगभग 17 वर्षो से चर्च की सेवा कर रहे है। बताया कि यह एक प्राचीन विश्व प्रसिद्ध चर्च है और इसमें लाईलाज बीमारियों को चमत्कारिक रूप से दूर होते देखा गया है, जिसके अनेकों प्रमाण मौजूद है। यह चर्च विश्व में ईसाईयों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है। चर्च के परिसर में सरधना के इतिहास पर छोटी सी पुस्तक को पढ़ना और चर्च के पास में स्थित महारानी के राजमहल को देखना हर किसी को रोमांचित करता है। सेटेलाइट से देखने पर यह चर्च ईसाई धर्म के प्रतीक चिहन क्रॉस के रूप में दिखाई देता है।

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