उन्होंने आगे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि समग्र भारत में किसानों को किसान सम्मान निधि दी जा रही है। लेकिन ममता सरकार के रवैए के चलते 75 लाख किसानों को जो ₹18000 प्रति किसान पहुंचना था वह ममता दीदी ने नहीं पहुंचने लिया । हमारी सरकार बनते हम उन रुपयों को पात्र किसानों के खाते में पहुंचाने का काम करेंगे । सम्मान निधि के तहत सभी किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से ₹6000 दिया जाता है लेकिन यदि हमारी सरकार यहां बनती है तो हम ₹4000 अलग से जोड़कर प्रति वर्ष ₹10000 किसानों के देने का काम करेंगे।अमित शाह के मुताबिक राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 33% परसेंट आरक्षण दिया जाएगा।
संकल्प पत्र में घोषणा के मुताबिक बंगाल के मछुआरों को प्रति वर्ष ₹6000 की वित्तीय सहायता देने की की घोषणा की और उन्होंने बताया कि पहले ही कैबिनेट में पश्चिम बंगाल के हर गरीब को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने के लिए हम काम करेंगे
ममता सरकार पर बड़ा हमला बोला की ममता सरकार कुछ बेटियों को बढ़ावा दिया है हम सरकार बनने के 5 साल के अंतर्गत बंगाल उस सभी घुसपैठियों से मुक्त कराएंगे। उन्होंने आगे बताया कि दीदी ने मां माटी मानुष का नारा दिया लेकिन उससे क्या बदलाव आए हैं क्या वह आपको कुछ सेटिंग से मुक्ति दिला पाए हम 5 साल में आप को घुसपैठियों से मुक्ति दिलाएंगे कटमनी एवं तोलावाजी वा तुष्टीकरण से मुक्ति दिलाएंगे।
बंगाल में बीजेपी के 130 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को टीएमसी की गुंडों ने मार दिया था उस पर अमित शाह ने कहा कि गुंडों को यह नहीं सोचना चाहिए कि हम उन्हें बक्स देंगे 2 मई को टीएमसी के गुंडों को दिन में तारे दिखाएं। गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनते ही हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या करने वाले अपराधियों को हम ढूंढ निकालेंगे एवं उन्हें सजा भी दिलाएंगे उन्होंने कहा ममता दीदी परिवर्तन का नारा देकर उसे भूल गए हैं एवं बंगाल की जनता नहीं तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है एवं 2 मई को तृणमूल की विदाई निश्चित है बीजेपी की सरकार बनते ही पश्चिम बंगाल के निवासियों को केंद्र सरकार द्वारा दी जा रहे हैं सभी योजनाओं का 100% फायदा मिलेगा।
हम यहां आपको एक बात स्पष्ट कर दें कि यह घोषणा पत्र या संकल्प पत्र बीजेपी ने जनता के सुझाव लेकर बनाया है ना की पार्टी स्तर से क्योंकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस अभियान की शुरुआत की थी इस अभियान के तहत तकरीबन 2 करोड़ से ज्यादा लोगों से फोन और वेबसाइट के जरिए सुझाव मांगे गए थे और इन्हीं सुझावों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी अपना घोषणा पत्र तैयार किया ।




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